Sunday, July 31, 2011
श्री हनुमान चालीसा
।।दोहा।।
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार |
बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि |
बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि |
बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ||
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ||
।।चौपाई।।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर |
रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2||
रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2||
महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी |
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4|
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4|
हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे |
शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6|
शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6|
विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर |
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8||
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8||
सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा |
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10||
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10||
लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये |
रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12||
रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12||
सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें |
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ||14||
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ||14||
जम कुबेर दिगपाल कहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते |
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा ||16||
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा ||16||
तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना लंकेश्वर भये सब जग जाना |
जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु ||18|
जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु ||18|
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख मांहि जलधि लाँघ गये अचरज नाहिं |
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||20||
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||20||
राम दुवारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे |
सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना ||22||
सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना ||22||
आपन तेज सम्हारो आपे तीनों लोक हाँक ते काँपे |
भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें ||24||
भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें ||24||
नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा |
संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें ||26||
संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें ||26||
सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा |
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे ||28||
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे ||28||
चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा |
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे ||30||
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे ||30||
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ||32||
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ||32||
तुम्हरे भजन राम को पावें जनम जनम के दुख बिसरावें |
अन्त काल रघुबर पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ||34||
अन्त काल रघुबर पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ||34||
और देवता चित्त न धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई |
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बलबीरा ||36||
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बलबीरा ||36||
जय जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करो गुरुदेव की नाईं |
जो सत बार पाठ कर कोई छूटई बन्दि महासुख होई ||38||
जो सत बार पाठ कर कोई छूटई बन्दि महासुख होई ||38||
जो यह पाठ पढे हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा |
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ||40||
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ||40||
।।दोहा।।
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||
हनुमान चालीसा का लाभ (Benefits of Hanuman Chalisa)
हनुमान जी को प्रतिदिन याद करने और उनके मंत्र जाप करने से मनुष्य के सभी भय दूर होते हैं। शनि साढ़ेसाती या महादशा से पीड़ित जातकों के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभदायक माना जाता है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष हो उनके लिए भी हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायक समझा जाता है।
हनुमान जी को प्रतिदिन याद करने और उनके मंत्र जाप करने से मनुष्य के सभी भय दूर होते हैं। शनि साढ़ेसाती या महादशा से पीड़ित जातकों के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभदायक माना जाता है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष हो उनके लिए भी हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायक समझा जाता है।
बजरंग बली के 12 चमत्कारी नाम
जय श्रीराम
ॐ हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबलः । रामेष्टः फालगुनसखः पिंगाक्षोSमितविक्रमः ।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशनः । लक्ष्मणप्रादाता च दशग्रीवस्यदर्पहा।।
द्वादशैतानि नामानि कपीन्द्रस्य महात्मनः । स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत् ।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत् ।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशनः । लक्ष्मणप्रादाता च दशग्रीवस्यदर्पहा।।
द्वादशैतानि नामानि कपीन्द्रस्य महात्मनः । स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत् ।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत् ।
बजरंग बली के 12 चमत्कारी नाम :
1. ॐ श्री हनुमते नमः - Bhakta Hanuman, Who has a cleft in the chin
2. ॐ अञ्जनी सुताय नमः - Who is the son of Devi Anjani
3. ॐ वायुपुत्राय नमः - Who is the son of Vayu Deva
4. ॐ महाबलाय नमः - Who possess great strength
5. ॐ रामेष्ठाय नमः - Who is devoted to Shri Rama
6. ॐ फाल्गुण सखाय नमः - Who is the friend of Arjuna
7. ॐ पिंगाक्षाय नमः - Whose eyes are yellow or reddish-brown
8. ॐ अमितविक्रमाय नमः - Whose valour is immeasurable or boundless
9. ॐ उदधिक्रमणाय नमः - Who has crossed the ocean
10. ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः - Who removed the sorrow of Devi Sita
12. ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः - Who destroyed the pride of ten-headed Ravana
* प्रातकाल सो कर उठते ही जिस अवस्था में इन बारह नामों को 11 बार लेने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है !
* नित्य नियम के समय नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है!
* दोपहर में नाम लेने वाला व्यक्ति लक्ष्मीवान यानी धनवान होता है!
* संध्या के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखो से तृप्त होता है!
* रात्रि को सोते समय नाम लेने वाला व्यक्ति की शत्रु पर जीत होती है!
* उपरोक्त समय के अतिरिक्त इन बारह नामों को निरन्तर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमान जी महाराज दसों दिशाओ से एवं आकाश – पाताल से रक्षा करते हैं!
* लाल स्याही से मंगलवार को भोजपत्र पर ये बारह नाम लिखकर मंगलवार के दिन ही ताबीज बांधने से
कभी सिरदर्द नहीं होता. गले या बाजू में तांबे का ताबीज ज्यादा उत्तम है. भोजपत्र पर लिखने के काम आने वाला पेन नया होना चाहिए.
* हनुमान जी का खास मंत्र
श्री हनुमंते नम:
अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रिय भक्तं, वातजातं नमामि।
दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रिय भक्तं, वातजातं नमामि।
आहुति की विधि :- नामों में चतुर्थी विभक्ति जोड़कर प्रणव लगाकर हवन करना चाहिए |
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गोघृत से आहुति दें | जैसे-
- ॐ हनुमते नमः स्वाहा
- ॐ अन्जनीसूनवे नमः स्वाहा
- ॐ वायुपुत्राय नमः स्वाहा
- ॐ महाबलाय नमः स्वाहा
- ॐ रामेष्टाय नमः स्वाहा
- ॐ फाल्गुनसखाय नमः स्वाहा
- ॐ पिंगाक्षाय नमः स्वाहा
- ॐ अमितविक्रमाय नमः स्वाहा
- ॐ उदधिक्रमणाय नमः स्वाहा
- ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः स्वाहा
- ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः स्वाहा
- ॐ दशग्रीवदर्पहाय नमः स्वाहा
लाभ:-
- इन १२ नामों से आहुति देने वाले को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है |
- आपत्ति के समय भैंसा गूगल की धूप लगाकर पाठ करे तो संकट से मुक्ति मिले |
- भूत प्रेत को हटायें -
- पूर्वोक्त रीति से भूतग्रस्त व्यक्ति को सामने बिठाकर आहुति दे और वही विभूति उसके शरीर में लगाये तथा थोड़ी सी पानी में मिलकर पिलाये | इससे प्रेतबाधा शांत होती है | और अभूतपूर्व सुरक्षा का अनुभव होता है |
- मानसिक अशांति को दूर करने के लिए गोघृत का दीप लगाकर उत्तरदिशा में मुह करके रात ११ बजे से इन नामों का पाठ हनुमत्प्रतिमा के समक्ष करे |
- भयविनाश के लिए भी यह अचूक प्रयोग है |
हनुमान जी के ये टोटके
******* मंगलवार को इन चीजों के प्रयोग व दान का विशेष महत्व है *********
* तांबा, गेहूं, लाल चंदन, लाल गुलाब, सिन्दूर, शहद, लाल पुष्प, मसूर की दाल, लाल कनेर, लाल मिर्च, लाल पत्थर, लाल मूंगा.मंगलवार को हनुमान मंदिर में नारियल रखना अच्छा माना जाता है. इस दिन सुबह लाल गाय को रोटी देना शुभ है.
* किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए हमें हर रोज रात के समय हनुमानजी के सामने तेल का दीपक लगाना चाहिए. दीपक सूर्यास्त के बाद रात के समय लगाना विशेष फायदेमंद रहता है. इस उपाय में मिट्टी के दीपक का उपयोग करना चाहिए. दीपक में रूई की बत्ती और सरसो का तेल डालें. इसके बाद हनुमानजी के मंत्रों का जप करते हुए दीपक जला दें. इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें.
हनुमानजी के सामने शनिवार की रात को चौमुखा दीपक लगाएं। यह एक बहुत ही छोटा लेकिन चमत्कारी उपाय है। ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके घर-परिवार की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
******* मंगलवार को करें यह टोटका, हर इच्छा पूरी करेंगे हनुमान ********
टोटका 0 - मंगलवार को तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके
तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
(हनुमानजी दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए दिखाई दें)
27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।
इसके बाद इस मंत्र का जप करें-
मंत्र- नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
फिर आरती, स्तुति करके अपने इच्छा बताएं और प्रार्थना करके इस मूर्ति को विसर्जित कर दें।
इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देकर सम्मान विदा करें।
यह उपाय करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
टोटका 1 - कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें. संकट दूर होगा और धन की प्राप्ति होगी.
टोटका 2 - अगर धन लाभ की स्थितियां बन रही हो, लेकिन फिर भी लाभ नहीं मिल रहा हो, तो हनुमान जयंती पर गोपी चंदन की नौ डलियां लेकर केले के वृक्ष पर टांग देनी चाहिए. याद रहे ये चंदन पीले धागे से ही बांधना है.
टोटका 3 - एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मौली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें. फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं. इससे धन लाभ होगा.
टोटका 4 - पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें. फिर वापस घर आ जाएं और पीछे मुड़कर न देखें. इससे आपको धन लाभ के साथ ही हर बिगड़ा काम बन जाएगा.
टोटका 5 - गुप्त शत्रु से बचाएं हनुमान जी का ये टोटका
- प्रात:काल सात बार हनुमान बाण का पाठ करें.
- हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं.
- पांच लौंग पूजा स्थान में देशी कपूर के साथ जलाएं.
- फिर भस्म से तिलक करके बाहर जाए.
1. यदि शनि कोई समस्या खड़ी करते हैं और सभी पूजा-पाठ के बाद कोई समाधान नहीं निकलता को शनिवार को हनुमान को चोला चढ़ाए। इसके साथ ही सिंदूर और चमेली का तेल चढ़कार हनुमान चालीसा या हनुमान जी के अन्य मंत्रों का जाप करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद काले चने और गुड़ के साथ नारियल चढ़ाने के बाद शनि बाधा से बचने के लिए हनुमान के 108 नामों का स्मरण करें। निश्चय आपकी लाईफ में अच्छे बदलाव आएंगे।
2. अगर मंगल ग्रह आपके जीवन में स्वास्थ्य समस्या खड़ी करता हैं और आप इस समस्या से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो मंगलवार को हनुमान जी को चोला के साथ चमेली का तेल, सिंदूर और चने के साथ सूरजमूखी के फूल चढ़ाएं। इसके बाद में 9 पीपल की पत्तियां लेकर चंदन की लकड़ी से उन पर श्रीराम लिखकर हनुमान का चढाएं और बाद में हनुमान के 108 चक्कर लगाकर प्रार्थना करें। आपके बिगड़ सारे काम चुटकी में बन जाएंगे।
3. अगर डर आपका पीछा नहीं छोड़ रहा और आप तनाव में तो 7 दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करें। हनुमान अष्टक और हनुमान चालीसा प्रतिदिन 100 बार पढ़े। यह हनुमान जी का सिद्ध कवच जो निश्चित ही फायदेमंद होता है।
4. अगर भगवान को पूरी तरह खुश करना चाहते हैं तो अपनी ऊंचाई के अनुसार नाल को गांठ बांधकर नारियल पर लपेटकर उस पर केसर या सिंदूर से स्वातिक बनाकर हनुमान चालीसा पढ़कर हनुमान जी को चढाएं।
5. अपने मुंह को दक्षिण की ओर कर सात दिन तक रोजाना पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर 180 बार हनुमान चालीसा पढ़े जिससे आपके धन के द्वार खुल जांएगे।
6. अगर आपको ग्रहों की समस्या सता रही हैं तो काला चना और गुड़ लेकर प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में प्रसाद बांटे और हनुमान चालीसा का जाप करें।
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