Monday, October 20, 2014

नवग्रह के अशुभ फल

सूर्य : किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।
चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।
मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।
बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।
गुरु : अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।
शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
राहु : राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिल ‍दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।
केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक ‍छीनने पर केतु अशुभ फल देना है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।

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