- घर पर हमेशा बैठी हुई लक्ष्मी की और व्यापारिक स्थल पर खड़ी हुई लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- दुर्भाग्य के नाश के लिए दीपावली की रात में एक बिजोरा नींबू लेकर मध्यरात्रि के समय किसी चौराहे पर जाएं और वहां उस नींबू को चार भाग में काटकर चारों रास्तों पर फेंक दें।
- दीपावली के दिन किसी भिखारी या गरीब को नौ किलो गेहूं का दान करें
- दीपावली के दिन इमली के पेड़ की टहनी काटकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखें- धन में वृद्धि होगी।
- दीपावली वाले दिन काली हल्दी को सिंदूर और धूप से पूजा के बाद से चांदी के दो सिक्के के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन के स्थान पर रखें तो आर्थिक समस्याएं नहीं रहेंगी।
- दीपावली के दिन सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक जलाएं और सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें। इससे सभी आर्थिक समस्याओं का अंत हो जायेगा।
- दीपावली के दिन श्मशान में स्थित शिव मंदिर में जाकर दूध और शहद मिलाकर अभिषेक करें। सट्टे और शेयर बाजार से धन मिलेगा।
- दीपावली के दिन काली हल्दी के नौ दाने लेकर उन्हें रेशमी धागे में पिरोकर उसकी माला बना लें और धूप दीप दिखाएं फिर गले में धारण कर लें। यदि किसी तंत्र बाधा के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ गई होगी तो ठीक हो जायेगी।
- दीपावली के दिन प्रातःकाल उठकर तुलसी के पत्तों की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें, ऐसा करने से धन में वृद्धि होगी।
- दीपावली की रात्रि को हल्दी की 11 गांठ लें। इन्हें पीले कपड़े में बांधें। फिर लक्ष्मी-गणेश का संयुक्त फोटो अपने पूजा के स्थान पर रखें, घी का दीपक जलाएं। चंदन-पुष्प आदि चढ़ाएं इसके पश्चात् निम्न मंत्र का जाप 11 माला करें। मंत्र - ‘‘ऊँ वक्रतुंडाय हुँ’’।। फिर पीले कपड़े में बंधी हुई हल्दी की गांठों को निकालें और श्री-श्री का जाप करें और फिर धन के स्थान में रख दें। धन की कमी नहीं होगी।
- दीपावली की रात्रि में काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतारें और घर की पश्चिम दिशा में फेंक दें, ऐसा करने से धन हानि बंद हो जायेगी।
- दीपावली के दिन एक चैकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर पारद लक्ष्मी जी को स्थापित करें, फिर 7 कौड़ियों को लक्ष्मी जी के ऊपर से उतारते हुए उनके चरणों में रखें। कौड़ियों को उतारते समय निम्न मंत्र का जाप करें। मंत्र: ‘‘ऊँ श्रीं ह्रीं महालक्ष्मी मम गृह आगच्छ स्थिर फट्’’।। इस उपाय से लक्ष्मी जी का स्थिर निवास रहेगा।
- दीपावली के दिन कमल के बीज के 108 दाने घी में डुबोकर एक-एक करके अग्नि में लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए समर्पित करके आहुति दें। घर की दरिद्रता दूर हो जायेगी।
- दीपावली के दिन अपनी दुकान के गल्ले के नीचे काली गुंजा के दाने डालकर निम्न मंत्र का 5 माला जप करें और रोज महालक्ष्मी जी के सामने दीपक जलाएं। व्यवसाय में होने वाली हानि रुक जायेगी। ‘‘ऊँ ऐं ह्रीं विजय वर दाय देवी मम’’।
- चैतीसा यंत्र सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है, इसे दीपावली की रात या रवि पुष्य नक्षत्र के दिन केसर से अनार की कलम से भोज पत्र पर लिखें। यंत्र लिखते समय लक्ष्मी जी के किसी मंत्र का जाप करते रहें, फिर घर या दुकान में रखें। लक्ष्मी जी का वास स्थाई रूप से रहेगा।
- व्यापार वृद्धि के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र का उपयोग करना चाहिए। इसे दीपावली के दिन केसर से अनार की कलम से भोज पत्र पर बनाएं। इसमें एक वर्ग बनाकर 9 उपवर्ग बनाएं। पहली पक्ति में 8, 1, 6 दूसरी पंक्ति में 3, 6, 7 और तीसरी पंक्ति में 4, 9, 2 लिखें।
- यदि आपके जीवन में कोई आर्थिक संकट की स्थिति चल रही हो, तो दीपावली के दिन एक मिट्टी के बर्तन में शहद भर लें तथा उसे ढँककर किसी सुनसान स्थान में गाड़कर आ जायें आपका संकट टल जायेगा।
- दिवाली की रात घर के मुख्य दरवाज़े पर सरसों के तेल का दीपक जला कर उसमें काली गुंजा के 2-4 दाने डाल दें। ऐसा करने पर घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
- दिवाली के दिन तेल के दीपक में कौडी़ को रातभर पडा़ रहने दें। फिर सुबह साफ कर के पर्स में रख लें। ऐसा करने से पर्स में हमेशा पैसा बना रहेगा।
- दिवाली के दिन कांच की काली चूड़ियों को दुर्गा मंत्र से अभिमंत्रित करके उसके टुकडे़ घर की परिधि के बाहर डालने से विघ्न-बाधांए समाप्त होती हैं।
- दिवाली की रात को देवी के सामने जलाए दीपक की लौ से काजल बना लें। सुबह इस काजल को परिवार के प्रत्येक सदस्य, महत्वपूर्ण स्थानों, गैस के चूल्हे, अलमारी इत्यादि पर हल्का सा लगा दें। बच्चों को भी नज़र के टीके के रूप में लगाएं। विघ्न-बाधाएं दूर होगी और घर में बरकत बनी रहेगी।
- दिवाली की संध्या एक सुपारी और तांबे का सिक्का लेकर #पीपल के #पेड़ के नीचे रख आएं। सोमवार को उस पेड़ का पत्ता ला कर गद्दी के नीचे रखें। तो ग्राहकों में वृद्धि होगी।
- धन-समृद्धि के लिए दीपावली की रात में केसर से रंगी 9 कौडिय़ों की भी पूजा करें। पूजन के पश्चात इन कौडिय़ों को पीले कपड़े में बांधकर पूजास्थल पर रखें। ये कौडिय़ां अपने व्यापार स्थल पर रखने से व्यापार में वृद्धि होती है।
- दीपावली के दिन प्रात:काल 7 अनार और 9 सीताफल दान करें।
- इस दिन श्रीयंत्र को स्थापित कर गन्ने के रस और अनार के रस से अभिषेक करके लक्ष्मी मंत्रों का जप करें। लक्ष्मीजी को गन्ना, अनार, सीताफल अवश्य चढ़ाएं।
- दीपावली के दिन गन्ने के पेड़ की जड़ को लाकर लाल कपड़े में बांधकर लाल चंदन लगाकर धन स्थान पर रखें। इससे धन में वृद्धि होगी।
- दीपावली की रात्रि में हात्थाजोड़ी को सिंदूर में भरकर तिजोरी में रखने से धन वृद्धि होती है।
गायत्री-मन्त्र से पूजकर सिदुर, कपूर, लोंग इलाचयी और तुलसीपत्र के साथ चाँदी कि डिब्बी मे रख देना चाहिए। - बच्चों में बुद्धि के लिए दीपावली की दोपहर नदी में कमर तक पानी में खड़े करके ब्राह्मी पिलाने का टोटका होता है।
- दीपावली की रात्रि को पीपल के पत्ते पर दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करें। इससे आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
- दीपावली के दिन पीपल को प्रणाम करके एक पत्ता तोड़ लाएं और इसे पूजा स्थान पर रखें। इसके बाद जब शनिवार आए तो वह पत्ता पुन: पीपल को अर्पित कर दें और दूसरा पत्ता ले आएं। यह प्रक्रिया हर शनिवार को करें। इससे घर में लक्ष्मी की स्थाई निवास रहेगा और शनिदेव की प्रसन्न होंगे।
- दीपावली की रात 21 लाल हकीक पत्थर अपने धन स्थान(तिजोरी, लॉकर, अलमारी) पर से ऊसारकर घर के मध्य(ब्रह्म स्थान) पर गाढ़ दें।
- दीपावली के दिन घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
द्वार के दोनों ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ लिखें। - दीपावली के दिन दोपहर के समय हल्दी की 11 गाठों को पीले कपड़े में रख कर
”ऊँ वक्रतुण्डाय ऊँ“ का 108 बार जाप कर तिजौरी में स्थापित करें। इससे व्यापार वृद्धि होती है। - दीपावली की अर्ध रात्रि में काले उड़द के 108 दानों को
”ऊँ नमः भैरवायः” मन्त्र से अभिमन्त्रित करने से शत्रु भय समाप्त होता है। - दीपावली की रात को अशोक वृक्ष के नीचे घी का दीपक लगाएं एवं वृक्ष का पूजन करें। अगले दिन उस वृक्ष की जड़ लेकर आएं तथा तिजोरी में रखें। धन की आवक बनी रहेगी।
- पांच जोड़ी गोमती चक्र को लाल वस्त्र में बांधकर घर की चौखट के ऊपर बांधने से धन संबंधी कामों में लाभ मिल सकता है।
- दीपावली के दिन जलकुम्भी लाकर पीले कपडे में बांधकर रसोई घर में रख दे देखिये आपके घर में खाने-पिने की चीजों में कभी कमी नहीं होंगी।
- दीपावली के दिन अपनी तिजोरी में थोड़े काली गुंजा के दाने ज़रूर डाले देखिये आपकी तिजोरी में कैसे धन बढ़ता है।
- दीपावली के दिन अपामार्ग की जड़ लाये और पूजन के पश्चात अपनी दाहिनी भुजा में बाँध ले देखिये आपकी समस्याए कैसे हल होने लगती हैं।
- दीपावली के दिन संध्याकाल में पीपल के पेड़ के नीचे साबुत उड़द के दाने और उस पर थोड़ा दही और सिंदूर डालकर चढ़ावे तेल का दीपक जलावे देखिये आपको काफी धन लाभ होगा।
- दीपावली के दिन 5 अभिमंत्रित कोडियों पर हल्दी का तिलक लगाकर अपने ऊपर से आठ बार उसारकर किसी भिखारी को कुछ पैसो के साथ दान कर दे आपको नौकरी मिलने की समस्या का अंत तुरंत हो जाएगा।
- दीपावली के दिन सायंकाल को बरगद की जटा में गांठ लगा दें, ऐसा करने से अचानक धन मिलता है, धन मिलने के बाद उस गांठ को खोल दें।
- दीपावली की रात को गोमती चक्र को लकड़ी की डिब्बी में पीले सिंदूर के साथ रख दिया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलने लगती है।
- यदि आप का पैसा कहीं फंस गया है, तो दीपावली के दिन प्रातःकाल जल में लाल मिर्च के 21 बीज डालकर सूर्य को अर्पित करें। आप का फंसा हुआ पैसा निकल आयेगा।
- दीपावली के दिन सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक जलाएं और सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें। इससे सभी आर्थिक समस्याओं का अंत हो जायेगा
- दीपावली की रात्रि में काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतारें और घर की पश्चिम दिशा में फेंक दें, ऐसा करने से धन हानि बंद हो जायेगी।
- दीपावली की रात्रि में कच्चा सूत ले कर, उसे शुध्द केसर से रंग कर, अपने कार्य स्थान में रखने से उन्नति होती है।
- यदि अपने ही निर्णयो एवं कार्यो
(decision & action) के कारण व्यवसाय मे घाटा, धन का अपव्यय हो रहा हो,
तो नीचे दिये गये मंत्र को अपनी दुकान अथवा व्यवसायिक संस्थान (shop or
office) में गणेशजी के सम्मुख प्रतिदिन १०८ बार जप करना चाहिये। यह प्रयोग
दीपावली के दिन से प्रारम्भ करना चाहिये। मंत्र जप करने के बाद गाय
(cow) को हरी सब्जी या चारा अवश्य खिलाना चाहिये।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदये नमः"Om shreeM hreeN kleeN glauN gaN gannapataye var varadaye namah" - दीपावली के दिन दोपहर के समय ११ हल्दी की गांठो को, पीले कपडे में रख कर,
" ॐ वक्रतुण्डाय हुं " (om vakr`tunnddaay huN)
Monday, October 20, 2014
लक्ष्मी प्राप्त करने के अचूक उपाय
LaL Kitab Remedies
1. सुर्य (Sun): सूर्य के अशुभ होने पर या कुण्डली में सुर्य के दूषित प्रभाव होने पर पेट, आंख, हृदय का रोग होवे, सरकारी बाधा आवे । ऐसे में तांबा, गेंहू एवं गुड का दान करें, आग को दूध से बुझावें, प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें , हरिवंश पुराण का पाठ करें , ताबें का बराबर दो तुकडा काटकर एक को पानी में बहा दें एक को जीवन भर साथ रखें ।
2. चंद्र (Moon): चंद्र के कुण्डली में अशुभ होने पर दुधारी पशु की मृत्यु हो जावे, स्मरण शक्ति का ह्रास हो, धर में पानी की कम पड़ जावे । ऐसे में भगवान शिव की आराधना करें , दो मोती या दो चांदीं का तुकड़ा लेकर एक तुकड़ा पानी में बहा दें एक को अपने पास रखें । चंद्र यदि कुण्डली में छठे भाव में हो तो दूध या पानी का दान कदापि नकरें , यदि वारहवां हो तो धमात्मा या साधु को भोजन न करावें न ही दूध पिलावें यदि ऐसा करेंगे तो जीवन भर कष्ट भोगेंगे ।
3. मंगल (Mars): मंगल के अशुभ होने पर बच्चे जन्म होकर मर जावे, आंख में रोग होवे, बात गठिया रोग दुख देवे, रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जावे, हर समय क्रैंध आवे, लड़ाइ झगड़ा होवे तब हनुमान जी की आराधना एवं उपवास रखें , तंदूर की मीठी रोटी दान करें , बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहायें, मसूर की दाल दान में देवें ।
4. बुध (Mercury): बुध की अशुभता पर दांत टूट जाये, सूंघनें की शक्ति कम हो जावे, गुप्त रोग होवे उपाय में नांक छिदवायें, ताबें के प्लेट में छेद कर बहते पानी में बहायें, दुगा उपासना करें, अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को एक हिस्सा कुत्तों को दें ।
5. गुरु (Jupiter): देव गुरु वृहस्पति के अशुभ प्रभाव में आने पर सिर के बाल झड़ने लगे, सोना खो जाये या चोरी हरे जावे, शिक्षा में बाधा आवे, अपयश होवे तब माथे पर केशर का तिलक लगावें, कोइ भी अच्छा काय करने के पूर्व अपना नांक साफ करें । दान में हल्दी, दाल, केसर आदि देवें व ब्रम्हा जी की पूजा करें ।
6. शुक्र (Venus): दानवों के गुरु शुक्र के अशुभ प्रभाव में होने पर अंगूठे का रोग हो जावे, चलते समय अगूंठे को चोट पहुंचे, चर्म रोग होवे, स्वप्न दोष होता हो तो अपने खानें में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य देवें, गाय, ज्वांर दान करें, नि:सहाय व्यक्ति का पालन पोषण का जिम्मा लेवें, लक्ष्मी उपासना करें ।
7. शनि (Saturn): शनि के अशुभ प्रभाव में होने पर मकान या मकान का हिस्सा गिर जावे या क्षति होवे, अंगों के बाल झड़ जावे, काले संपत्ति का नाश होवे, आग लग जावे व धन संपत्ति का नाश हो तब कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे, तेल में अपना मुख देख वह तेल दान करें, लोहा, काला उडद, चमड़ा, काला सरसों आदि दान दें । भगवान शिव की आराधना करें । यदि कुण्डली में शनि लग्न में हो तो भिखारी को तांबे का सिक्का या बर्तन कभी न दें यदि देंगे तो पुत्र को कष्ट होगा । यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला आदि न बनवायें ।
राहु (Rahu): राहु के अशुभ होने पर हांथ के नाखून अपने आप टूटने लगे, राजक्ष्यमा रोग के लक्षण प्रगट होवे, दिमागी संतुलन ठीक न रहे, शत्रुओं के चाल पे चाल से मुश्किल बढ़ जावे ऐसी स्थिति में जौं या अनाज को दूध में धो कर बहते पानी में बहायें, कोयला को पानी में बहायें, मूली दान में देवें, भंगी को शराब,मांस दान में दें । सिर में चुटैया रखें, भैरव जी की की उपासना करें ।
केतु (Ketu): इसके अशुभ प्रभाव में होने पर मूत्र एवं किडनी संबंधी रोग होवे, जोड़ों का रोग उभरे, संतान को पीड़ा होवे तब अपने खाने में से कुत्ते को हिस्सा देवें, तिल व कपिला गाय दान में दें, कान छिदवायें व श्री विघ्नविनायक की आराधना करें ।
2. चंद्र (Moon): चंद्र के कुण्डली में अशुभ होने पर दुधारी पशु की मृत्यु हो जावे, स्मरण शक्ति का ह्रास हो, धर में पानी की कम पड़ जावे । ऐसे में भगवान शिव की आराधना करें , दो मोती या दो चांदीं का तुकड़ा लेकर एक तुकड़ा पानी में बहा दें एक को अपने पास रखें । चंद्र यदि कुण्डली में छठे भाव में हो तो दूध या पानी का दान कदापि नकरें , यदि वारहवां हो तो धमात्मा या साधु को भोजन न करावें न ही दूध पिलावें यदि ऐसा करेंगे तो जीवन भर कष्ट भोगेंगे ।
3. मंगल (Mars): मंगल के अशुभ होने पर बच्चे जन्म होकर मर जावे, आंख में रोग होवे, बात गठिया रोग दुख देवे, रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जावे, हर समय क्रैंध आवे, लड़ाइ झगड़ा होवे तब हनुमान जी की आराधना एवं उपवास रखें , तंदूर की मीठी रोटी दान करें , बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहायें, मसूर की दाल दान में देवें ।
4. बुध (Mercury): बुध की अशुभता पर दांत टूट जाये, सूंघनें की शक्ति कम हो जावे, गुप्त रोग होवे उपाय में नांक छिदवायें, ताबें के प्लेट में छेद कर बहते पानी में बहायें, दुगा उपासना करें, अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को एक हिस्सा कुत्तों को दें ।
5. गुरु (Jupiter): देव गुरु वृहस्पति के अशुभ प्रभाव में आने पर सिर के बाल झड़ने लगे, सोना खो जाये या चोरी हरे जावे, शिक्षा में बाधा आवे, अपयश होवे तब माथे पर केशर का तिलक लगावें, कोइ भी अच्छा काय करने के पूर्व अपना नांक साफ करें । दान में हल्दी, दाल, केसर आदि देवें व ब्रम्हा जी की पूजा करें ।
6. शुक्र (Venus): दानवों के गुरु शुक्र के अशुभ प्रभाव में होने पर अंगूठे का रोग हो जावे, चलते समय अगूंठे को चोट पहुंचे, चर्म रोग होवे, स्वप्न दोष होता हो तो अपने खानें में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य देवें, गाय, ज्वांर दान करें, नि:सहाय व्यक्ति का पालन पोषण का जिम्मा लेवें, लक्ष्मी उपासना करें ।
7. शनि (Saturn): शनि के अशुभ प्रभाव में होने पर मकान या मकान का हिस्सा गिर जावे या क्षति होवे, अंगों के बाल झड़ जावे, काले संपत्ति का नाश होवे, आग लग जावे व धन संपत्ति का नाश हो तब कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे, तेल में अपना मुख देख वह तेल दान करें, लोहा, काला उडद, चमड़ा, काला सरसों आदि दान दें । भगवान शिव की आराधना करें । यदि कुण्डली में शनि लग्न में हो तो भिखारी को तांबे का सिक्का या बर्तन कभी न दें यदि देंगे तो पुत्र को कष्ट होगा । यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला आदि न बनवायें ।
राहु (Rahu): राहु के अशुभ होने पर हांथ के नाखून अपने आप टूटने लगे, राजक्ष्यमा रोग के लक्षण प्रगट होवे, दिमागी संतुलन ठीक न रहे, शत्रुओं के चाल पे चाल से मुश्किल बढ़ जावे ऐसी स्थिति में जौं या अनाज को दूध में धो कर बहते पानी में बहायें, कोयला को पानी में बहायें, मूली दान में देवें, भंगी को शराब,मांस दान में दें । सिर में चुटैया रखें, भैरव जी की की उपासना करें ।
केतु (Ketu): इसके अशुभ प्रभाव में होने पर मूत्र एवं किडनी संबंधी रोग होवे, जोड़ों का रोग उभरे, संतान को पीड़ा होवे तब अपने खाने में से कुत्ते को हिस्सा देवें, तिल व कपिला गाय दान में दें, कान छिदवायें व श्री विघ्नविनायक की आराधना करें ।
सप्ताह के सातों दिनों के लिए छोटे-छोटे उपाय...
1. रविवार
रविवार सूर्य का दिन माना जाता है और इस दिन सूर्य की उपासना का विशेष
महत्व है। सूर्य से शुभ फल प्राप्त करने के लिए हर रविवार गुड़ और चावल को
नदी में प्रवाहित करें।
2. सोमवार
सोमवार चंद्र का दिन है। चंद्रमा से शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस
दिन भोजन में खीर भी शामिल करें। यदि कुंडली में चंद्र नीच का हो तो सफेद
कपड़े पहनना चाहिए और श्वेत चंदन का तिलक लगाएं।
3. मंगलवार
मंगल की विशेष पूजा का दिन है मंगलवार। इस दिन मसूर की दाल का दान
करें। जो लोग मंगली हैं, वे लाल वस्तुओं का दान विशेष रूप से करें। हर
मंगलवार कुछ रेवड़ियां नदी में प्रवाहित करें। मीठा पराठा बनाकर गरीब
बच्चों को खिलाएं। हनुमानजी की पूजा करें।
4. बुधवार
बुद्धि के देवता बुध ग्रह का दिन है बुधवार। जिन लोगों की कुंडली में
बुध अशुभ फल दे रहा है वे इस दिन साबूत मूंग न खाएं और इसका दान करें।
मंगलवार की रात को हरे मूंग भिगोकर रखें और बुधवार की सुबह यह मूंग गाय को
खिलाएं।
5. गुरुवार
देव गुरु बृहस्पति का दिन है गुरुवार। जिन लोगों की कुंडली में गुरु
ग्रह अच्छी स्थिति में नहीं है, वे लोग इस दिन किसी ब्राह्मण को पीले रंग
के वस्त्र दान में दें। कढ़ी-चावल खुद भी खाएं और गरीब बच्चों को भी
खिलाएं। पीला रुमाल अपने साथ रखें।
6. शुक्रवार
असुरों के गुरु शुक्र का दिन है शुक्रवार। इस दिन शुक्र ग्रह के लिए
विशेष उपासना की जानी चाहिए। इस दिन दही और लाल ज्वार का दान करना चाहिए।
सफेद रेशमी वस्त्रों का दान करें।
7. शनिवार
शनिवार को शनि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। हर शनिवार एक नारियल नदी
में प्रवाहित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिदेव के दर्शन करें और
तेल चढ़ाएं।लाल किताब के अनुसार
लाल किताब के अनुसार जिस ग्रह से संबंधित वस्तुओं को
॰ प्रथम भाव में पहुंचाना हो उसे गले में पहनिए
॰ दूसरे भाव में पहुंचाने के लिए मंदिर में रखिए
॰ तीसरे भाव में पहुंचाने के लिए संबंधित वस्तु को हाथ में धारण करें
॰ चौथे भाव में पहुंचाने के लिए पानी में बहाएं
॰ पांचवे भाव के लिए स्कूल में पहुंचाएं,
॰ छठे भाव में पहुंचाने के लिए कुएं में डालें
॰ सातवें भाव के लिए धरती में दबाएं
॰ आठवें भाव के लिए श्मशान में दबाएं
॰ नौंवे भाव के लिए मंदिर में दें
॰ दसवें भाव के लिए पिता या सरकारी भवन को दें
॰ ग्यारहवें भाव का उपाय नहीं
॰ बारहवें भाव के लिए ग्रह से संबंधित चीजें छत पर रखें।
॰ प्रथम भाव में पहुंचाना हो उसे गले में पहनिए
॰ दूसरे भाव में पहुंचाने के लिए मंदिर में रखिए
॰ तीसरे भाव में पहुंचाने के लिए संबंधित वस्तु को हाथ में धारण करें
॰ चौथे भाव में पहुंचाने के लिए पानी में बहाएं
॰ पांचवे भाव के लिए स्कूल में पहुंचाएं,
॰ छठे भाव में पहुंचाने के लिए कुएं में डालें
॰ सातवें भाव के लिए धरती में दबाएं
॰ आठवें भाव के लिए श्मशान में दबाएं
॰ नौंवे भाव के लिए मंदिर में दें
॰ दसवें भाव के लिए पिता या सरकारी भवन को दें
॰ ग्यारहवें भाव का उपाय नहीं
॰ बारहवें भाव के लिए ग्रह से संबंधित चीजें छत पर रखें।
नवग्रह के अशुभ फल
सूर्य : किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स
चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता
है।
चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।
मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।
बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।
गुरु : अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।
शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
राहु : राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिल दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।
केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक छीनने पर केतु अशुभ फल देना है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।
चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।
मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।
बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।
गुरु : अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।
शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
राहु : राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिल दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।
केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक छीनने पर केतु अशुभ फल देना है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।
Wednesday, October 15, 2014
Jadi (Tree Roots)
- Ratnas can be very well used to improve the power of good planets.
- Lal kitab remedies and mantras are more successful for graha shanti.
- Jadis help to gets rid of ill effects of malefic planet.
- The process of wearing jadis is similar to the process of warning
gemstones.
You can keep it in a cloth and put it either around the neck in a locket or tie it to your hand.
Sun: Bel (बेल), Bent (बेंत)
सूर्य मन्त्र : "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥"
Surya Mantra: “Om Hraam Hreem Hraum Sah Suryaya Namah||”
Effective against: Indigestion, fatigue and disorders of spine and heart. Moon: Khirni Mool (ख्रिरनी मूल)
चन्द्रमा मंत्र: ‘’ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः॥’’
Moon Mantra: “Om Shraam Shreem Shraum Sah Chandramasey Namah||”
Effective against: Jaundice
Mars: Anant Mool (अनन्त मूल)
Mars: Anant Mool (अनन्त मूल)
मंगल मन्त्र : "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः॥"
Mars Mantra: “Om Kraam Kreem Kraum Sah Bhaumaaya Namah||”
Effective against: Skin and liver disorders, constipation, blind piles
Mercury: Vidhara Mool (विधारा मूल)
Mercury: Vidhara Mool (विधारा मूल)
बुध मन्त्र : "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥"
Budh Mantra: “Om Braam Breem Braum Sah Budhaya Namah||”
Effective against: Nervous disorders, blood pressure, ulcer and acidity.
Jupiter: Banana Root (केले की जड) / Haldi Ki Gaanth
Jupiter: Banana Root (केले की जड) / Haldi Ki Gaanth
ब्रिहस्पति मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः॥”
Jupiter Mantra: “Om Graam Greem Graum Sah Gurvey Namah||”
Effective against: Liver disorder, sprains, chicken pox, allergy and gastrointestinal disorders.
Venus: Arand Mool (अरंडे मूल)
Venus: Arand Mool (अरंडे मूल)
शुक्र मन्त्र : "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः॥"
Shukra Mantra: “Om Draam Dreem Draum Sah Shukraaye Namah||”
Saturn: Dhature Ki Jad (धतूरे की जड)
शनि मन्त्र : "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥"
Shani Mantra: “Om Praam Preem Praum Sah Shanayeshcharaaye Namah||”
Effective against: Rheumatism, Neurosis, excretory disorders.
Rahu: Asgandh (असगंध मूल) / Safed Chandal (White Sandalwood)
Rahu: Asgandh (असगंध मूल) / Safed Chandal (White Sandalwood)
राहु मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥"
Rahu Mantra: “Om Bhraam Bhreem Bhraum Sah Raahavey Namah||”
Effective against: Genito-urinary disorders, skin diseases, gastric irritability, dysentery and fever.
Ketu: Banyan Tree Root (वटवृक्ष मूल)
Ketu: Banyan Tree Root (वटवृक्ष मूल)
केतु मन्त्र : "ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः॥"
Ketu Mantra: “Om Straam Streem Straum Sah Ketavey Namah||”
Effective against: Smallpox, urinary tract infections and
skin problems are the result of ill effects of Ketu. All these problems
can be overcomed with the help of Ashwagandha Jadi.
सूर्य के लिए बिल्व की जड़ रविवार को गुलाबी डोरे में बांध कर धारण करें।
सूर्य के लिए बिल्व की जड़ रविवार को गुलाबी डोरे में बांध कर धारण करें।
चंद्रमा के लिए खिरनी की जड़ सोमवार को सफेद ऊन के धागे में लपेट कर धारण करें ।
मंगल के लिए अनंत मूल की जड़ लाल डोरे में बांध कर धारण करें ।
बुध की शांति के लिए विधारा की जड़ हरे धागे में बांध कर धारण करें ।
गुरु के लिए केले की जड़ पीले डोरे में बृहस्पतिवार को धारण करें।
शुक्र के लिए सरपंखे की जड़ शुक्रवार को सफेद धागे में लपेट कर पहनें।
शनि की शांति के लिए बिच्छू बूटी की जड़ शनिवार के दिन काले डोरे में लपेट कर गले में धारण करें।
राहु के लिए चंदन की जड़ नीले डोरे में बांध कर बुधवार को पहनें तथा
केतु की शांति के लिए असगंध की जड़ आसमानी डोरे में बांध गुरुवार के दिन धारण करें।
Saturday, October 11, 2014
सामान्य टोटके
- प्रत्येक शुक्रवार को श्री सूक्त अथवा श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ होता है वहां माँ लक्ष्मी का स्थाई वास होता है|
- शनिवार के दिन कच्ची धानी का सरसौं का तेल में गुलगुले तलें और किसी गरीब को दान कर दें। शनि संबंधी सभी बाधाएं शांत हो जाएंगी तथा धन लाभ होगा।
- प्रत्येक पूर्णिमा हवन कर सकें तो बहुत ही शुभ है | इतना करें की किसी कंडे(गोहा)अथवा उपले पर अग्नि प्रजव्लित कर ॐ के उच्चारण से १०८ आहुति दें|यह आपकी धार्मिक भावना को जताता है|
- प्रत्येक गुरुवार को हल्दी को पानी में घोलकर पूरे घर में छींटे देने से घर में बरकत होती है।
- एक पात्र में जल लेकर उसमें कुंकुम डालकर बरगद के वृक्ष पर नियमित रूप से चढ़ाएं।
- प्रात: उठ कर गृह लक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक गिलास अथवा लोटा जल डाले तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है|
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- सुबह उठते ही अपने दोनों की हथेलियों को देखें तथा तीन बार चूमें। इसके बाद ही कोई काम करें।
- प्रत्येक सप्ताह घर में फर्श पर पोचा लगते समय थोडा सा समुंदरी नमक मिला लिया करें ऐसा करने से घर में होने वाले झगरे कम होते हैं| - आप अपने निवास में कुछ कच्चा स्थान अवश्य रखें|
- घर के मुख्य द्वार पर सफेद आंकड़े का पौधा लगाने से उस घर में धन का अभाव नहीं रहता।
- महीने में दो बार किसी भी दिन उपले पर थोड़ी सी लोबान रख कर उसके धुएं को पूरे घर में घुमाएं|
- यदि संभव हो तो यह घर के मध्य स्थान में रखें तुलसी का पौधा, तो फिर आपके कार्यों में कोई भी रूकावट नही आ सकती|
- कभी भी किसी को दान दें तो उसे घर की देहली में अन्दर न आने दें,दान घर की देहली के अन्दर से ही करें|
- व्यय भाव में अशुभ ग्रह की स्थिति भी दरिद्रता का कारक होती है। बारहवें भाव के स्वामी ग्रह का दान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके व्यय में कमी आती है।
- आप जब भी घर वापिस आयें तो कभी खली हाथ न आयें | यदि आप बाज़ार से कुछ लेने की स्थिति में नही हैं तो रास्ते से एक कागज़ का टुकड़ा उठा लायें |
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- यदि नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गाय को तथा अंतिम रोटी कुते को दें तो आपके भाग्य के द्वार खोलने से कोई नही रोक सकता|
- गाय को रोटी खिलाएं तो उसकी कुंडली के सभी ज्योतिषीय ग्रह दोष नष्ट हो जाते हैं।
- मछलियों को आटे की गोलियां देने पर पुरानी संपत्ति पुन: प्राप्त होने के योग बनते हैं।
- कुत्ते को रोटी नियमित रूप से खिलाने से दुश्मनों का भय नहीं सताता है।
- पक्षियों को प्रतिदिन को दाना (चावल, गेहूं, दाल) अवश्य डालना चाहिए। व्यवसाय करने वाले लोगों को विशेष रूप)
- चींटियों को शकर और आटा डालें। ऐसा करने पर कर्ज की समाप्ति जल्दी हो जाती है।
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- घर के किसी भी कार्य के लिए निकलते समय पहले विपरीत दिशा में 4 पग जाएं, इसके बाद कार्य पर चले जाएं, कार्य जरूर बनेगा।
- पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर श्रीराम का नाम लिखें। राम नाम लिखने के लिए चंदन का उपयोग किया जा सकता है। यह काम पीपल के नीचे बैठकर करेंगे तो जल्दी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। राम नाम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।
- प्रमोशन के लिए काली उड़द दही में मिलाकर सिराहने रखकर सोते हैं। अगली सुबह इसे नदी में फेंकने का टोटका करते हैं।
- जिसके शरीर में किसी भूत-प्रेत की आत्मा का वास है, यदि लहसुन के रस में हींग को घोलकर उसकी आंख में काजल की मोती लगा दी जाय अथवा नाक में उसे सूंघा दिया जाय तो ऊपरी बाधा तुरंत शरीर से निकल जाती है।
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दुर्भाग्य दूर करने के लिए अचूक टोटके / उपाय
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #1
आटे का दिया, १ निम्बू , ७ लाल मिर्च, ७ लड्डू, २ बत्ती, २ लोंग, २ बड़ी इलायची, बङ या केले के पत्ते पर ये सारी चीजें रख दें | रात्रि १२ बजे सुनसान चौराहे पर जाकर पत्ते को रख दें व जब घर से निकले तब यह प्रार्थना करें -
"हे दुर्भाग्य, संकट, विपत्ती आप मेरे साथ चलें"
और पत्ते को रख दें | फिर प्रार्थना करें -
"मैं विदा हो रहा हूँ | आप मेरे साथ न आयें, चारों रास्ते खुले हैं आप कहीं भी जायें" |
एक बार करने के बाद एक दो महीने देखें, उपाय लाभकारी है| श्रद्धा से करें |
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #2
व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें-
सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #3
बुधवार शाम को एक नर एक मादा तोता लेकर पह्ले अपना मन्नत कहे कि "हे तोता जैसे हम तुम्हे आजाद कर रहे है उस तरह आप हमे भी बंधनों से आजाद करे" फ़िर दोनो तोते को अपने हाथो से आजाद कर दे|
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #4
शनिवार के दिन आठ नंबर का जूता (लैदर का) शनि का दान मांगने वाले को ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ आठ बार कहकर दें।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #5
यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए : किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए ! लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें ! उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें ! इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें ! शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें ! जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा !
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #6
तीन पके हुए नीबू लेकर एक को नीला एक को काला तथा तीसरे को लाल रंग कि स्याही से रंग दे ।अब तीनो नीबुओं पर एक एक साबुत लौंग गांड दे । इसके बाद तीन मोटी चूर के लड्डू लेकर तथा तीन लाल पीले फूल लेकर एक रुमाल में बांध दे अब प्रभावित ब्यक्ति के ऊपर से सात बार उबार कर बहते जल में प्रवाहित कर दे प्रवाहित करते समय आस पास कोई खड़ा ना हो
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #7
सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है|
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #8
पूर्ण आस्था के साथ करने से दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य में वृद्धि होती है। सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले इस टोटके को करना है। एक रोटी लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार ऊसार लें। प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें।
"ऊँ दुभाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नम:"
बाद में यह रोटी कुत्ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें। यह अद्भुत प्रयोग है। इसके बाद आप देखेंगे कि किस्मत के दरवाजे आपके लिए खुल गए हैं। पूर्ण आस्था से यह टोटका करने पर शीघ्र लाभ होता है।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #9
पांच किलो आटा एवं सवासवा किलो गुड़ लें। दोनों का मिश्रण कर रोटियां बना लें। गुरुवार के दिन सायंकाल गाय को खिलाएं। तीन गुरुवार तक यह कार्य करने से दरिद्रता समाप्त होती है।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #10
शनिवार को सायंकाल उड़द के दो साबुत दाने लेकर उनपर थोडा सा दही -सिंदूर डालकर पीपल वृक्ष के नीचे २१ दिन तक नित्य रखे ,ध्यान रहे की वापस आते समय पीछे मुड़कर न देखे |
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #11
परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बुधवार शाम को एक किलो जॊ को पांच किलो दूध में धो कर बहते जल में प्रवाहित करे
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #12
बुधवार शाम को शेर (मिटटी का) के गले में चुन्नी बांध कर उसके कान में अपनी मन्नत कह कर माँ दुर्गा के पास रख दे
दुर्भाग्य दूर करने के लिए टोटका #13
ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है।
- झाड़ू हमेशा साफ रखें।
- ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें।
- झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए।
- शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।- शनिवार के दिन घर में विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए।
- घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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