दीपावली पर्व 5 पर्वों से मिलकर बना है - (धनतेरस, चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया)
- पांचों दिन संध्या समय घर में कम से कम 5 दीपक (4 छोटे तथा 1 बड़ा ) अवश्य जलाएं।
- दीपक कभी सीधे भूमि पर न रखें। उसके नीचे आसन अवश्य दें ,जैसे : पहले थोडे़ खील या चावल रखें , फिर उस पर दीपक रखें।
- आंवले के फल में, गोबर में, शंख में, कमल में और सफेद वस्त्रों में लक्ष्मी का वास रहता है। इनका प्रयोग करें- आंवला सदा घर में या गल्ले में रखें।
- https://www.youtube.com/watch?v=RvQwSjpBzHg&t
- https://www.youtube.com/watch?v=mTrTkjzLSWE
धनतेरस
- https://www.youtube.com/watch?v=5ut7Vr6ug8Q
- धन तेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर ऊँ बना दें।
- सुबह दातुन से मुंह धोना चाहिए (स्कन्दपुराण)
- इस दिन चांदी खरीदना शुभ होगा। इस दिन लक्ष्मी जमादार के घर रहती हैं !
- इस दिन बर्तन खरीद कर घर में लाते समय खाली न लाएं उसमें कुछ मीठा अवश्य डाल कर लाएं।
- इस दिन ऐसे पेड़ की टहनी तोड़ कर लाएं, जिस पर चमगादड़ रहते हों।
इसे अपने बैठने की जगह के पास रखें, लाभ होगा। - इस दिन यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है। रात्रि में महिलाएं
४ बत्तियों का तिल के तेल का दीपक जलाती हैं। जल, रोली, चावल, गुड़ और फूल आदि मिठाई सहित दीपक जलाकर पूजा की जाती है। पूजन कर दक्षिण दिशा (South) की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें। "म्रत्युना दंडपाशाभ्याँ कालेन श्याम्या सह , त्रयोदश्याँ दीप दानात सूर्यज प्रीयतां मम॥"
यह क्रिया यम दीपदान कहलाती है, कोशिश करनी चाहिए की दीपक रात भर जलता रहे ऐसा करने से यमराज जी प्रसन होते है । - धनतेरस की सायं से शुरू करके 51 माला रोज़ाना इन मंत्रों का क्रमवार जप
करें और असर देखें।
मंत्र हैं- ॐ आधलक्ष्म्यै नम:। ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:। ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ अमृतक्ष्म्यै नम:। ॐ कामलक्ष्म्यै नम:। ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:। ॐ योगलक्ष्म्यै नम:। - धनतेरस के दिन पांच रुपए का साबुत धनिया खरीदें। इसे संभालकर पूजा घर में रख दें।
दीपावली की रात लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें।
माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है। धनिया का पौधा हरा भरा लेकिन पतला है तो सामान्य आय का संकेत होता है। पीला और बीमार पौधा निकलता है या पौधा नहीं निकलता है तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। - भगवान धन्वंतरी की साधना के लिये एक साधारण मंत्र है:"ॐ धन्वंतरये नमः॥"
- इस दिन तिल्ली के तेल से मालिश और शरीर पर उबटन भी लगाना चाहिए।
इस दिन (तिल्ली के तेल में "लक्ष्मी जी" और जल में "गंगा जी" का निवास माना गया है ), स्नान से पूर्व "वरुण देवता" का ध्यान करते हुए जल में हल्दी और कुमकुम डालकर स्नान करना अत्यंत उत्तम माना गया है । - स्नान से पूर्व तुम्बी (लौकी का टुकड़ा) और अपामार्ग (आठ उंगली लकड़ी का टुकड़ा) इन दोनों को अपने सर के चारों ओर सात बार घुमाएँ इससे नरक का भय समाप्त होता है ।साथ ही यह कहें
"हे तुम्बी , हे अपामार्ग आप बार-बार फिराएं जाते हो , आप मेरे पापों को दूर करों ओर कुबुद्धि का नाश करों। " स्नान के पश्चात् इस तुम्बी ओर अपामार्ग को घर के दक्षिण दिशा में विसर्जित कर देना चाहिए । आज के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से मनुष्य नरक के भय से मुक्त हो जाता है |
लेकिन सूर्य उदय होने के बाद स्नान करने वाले व्यक्ति के पिछले एक वर्ष के सभी पुण्यकार्य समाप्त हो जाते है । - प्रातःकाल स्नान करने के बाद सबसे पहले लक्ष्मी विष्णु की प्रतिमा अथवा फोटो को कमलगटट्े की माला और पीले पुष्प अर्पित करें, धन लाभ होगा।
- आज के दिन "हनुमान जयंती" के रूप में भी मनाया जाता है ।
७ बार बजरंग बाण का पाठ करें , फिर हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाकर ५ लौंग कपूर के साथ जलाएं ,उस भस्म को पुडिया बना कर संभल लें , उसका तिलक लगा कर बाहर जाने पर कोई भी शत्रु आपको परस्त नहीं कर पायेगा ।
* "ॐ हं हनुमंतये नम:" मंत्र का जप करें।
* "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्" का रुद्राक्ष की माला से जप करें ।
* "ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा" का रुद्राक्ष की माला से जप करें । - आज के दिन एक नारियल पर कमिया सिंदूर,मोली,अक्षत(चावल) अर्पित करके उसका पूजन करें फिर उसको किसी हनुमान मंदिर में अपनी मनोकामना बोलते हुए चड़ा दें निश्चय ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी ।
- रूप चतुर्दशी के दिन 5 प्रकार के पुष्पों की माला में दूर्वा व बिल्वपत्र लगाकर देवी को अर्पित करें। माल्यार्पण करते समय मौन रखें यह प्रयोग प्रभावकारी होकर यश की वृद्धि करता है।
- घर में धन वृद्धि के लिए नरक चतुर्दशी के दिन लाल चन्दन लाल गुलाब के पांच फूल और रोली लाल कपड़े में बाँधकर पूजा करें, उसके पश्चात् अपनी तिजोरी में रखें। इस दिन ऐसा करने से घर में धन रूकने लगता है।
- इस दिन संध्या के समय घर की पश्चिमी(West) दिशा में खुले स्थान पर अथवा छत के पश्चिम में
14 दीपक पूर्वजों के नाम से जलाएं। उनके आशीर्वाद से समृद्धि प्राप्त होगी। - इस दिन सांयकाल घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर ४ बत्तियों का दीपक जलाकर "धर्मराज" का ध्यान करते हुए पूरब दिशा (East) की ओर मुखं करके दीप दान करना चाहिए इससे व्यक्ति के यम के मार्ग का अंधकार समाप्त हो जाता है।
- छोटी दीपावली के उपाय / हनुमान जयंती के उपाय
- ‘नरक-चतुर्दशी’, ‘छोटी दीपावली’, ‘रूप-चतुर्दशी’, ‘यमराज निमित्य दीपदान‘
- https://www.youtube.com/watch?v=f6rWPba6DH8
- लक्ष्मी विष्णुप्रिया हैं। दीपावली पूजन के समय गणेश-लक्ष्मी के साथ विष्णु जी की स्थापना अनिवार्य है। लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर विष्णु जी तथा बाईं ओर गणेश जी को रखना चाहिए। (V-L-G)
- दीपावली के दिन किसी गरीब सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री दान दें। साम्रगी में इत्र अवश्य होना चाहिए।
- दीपावली पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। सूर्य को जल, लाल पुष्प अर्पित करें।
- दीपावली के दिन प्रातः काल मां लक्ष्मी के मंदिर जाकर लक्ष्मी जी को पोशाक चढ़ाएं, खुशबुदार गुलाब की अगरबत्ती जलाएं, झाड़ू का दान करें, धन प्राप्ति का मार्ग खुलेगा।
- दीपावली पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से केसर-जल अर्पित करें।
- दीपावली के दिन प्रातः काल पीपल पेड़ में गुड मिश्रित जल चढ़ावे और दीपक में दो लौंग डाल कर जलावे, देखिये आपकी आर्थिक समस्याओं का अंत तुरंत कैसे होता हैं।
- दीपावली पर तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार इस पुण्य कर्म से बड़े-बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।
- दिवाली के दिन सुबह गाय को आटे की पांच लोई सीधे हाथ से खिलायें और उसकी लार जो हथेली पर लगे, उसे अपने सिर से पौंछ लें।
- दीपावली पर किसी गरीब व्यक्ति को काले कंबल का दान करें। ऐसा करने पर शनि और राहु-केतु के दोष शांत होंगे और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।
- दीपावली को प्रातः काल महालक्ष्मी के चित्र के समक्ष घी का दीपक, 2 लौंग
डालकर जलाएं।
नैवेद्य में खीर या हलवा रखें। तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और ‘‘ऊँ नमो महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र का जाप करें। लक्ष्मी प्रसन्न रहेगी और घर में वास रहेगा। - देवी लक्ष्मी की आरती चाँदी की कटोरी मे कपूर और 9 बत्ती के दीपक से करने पर माता लक्ष्मी अवश्य ही कृपा करती है। सभी प्रकार के संकटों से अवश्य ही मुक्ति मिलती है।
दिवाली पूजन के समय श्रीं श्रीं श्रीं मन में जपते रहें
- लक्ष्मी पूजन करते समय 9 गोमती चक्र, 5 कौड़ी, 5 साबुत सुपारी, काली हल्दी गंगाजल से धोकर चांदी की कटोरी या थाली में रखकर लक्ष्मी जी को चढ़ाएं और उन पर हल्दी कुमकुम लगाएं। अगले दिन इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे आय में वृद्धि होगी।
- 11 सफ़ेद गुंजा को भी पूजा स्थल में रखे। धन स्थान में चाँदी कि डिबिया में बांधकर स्थापित कर दें,ऐसा करने से घर में अटूट लक्ष्मी का निवास होता है।
- पूजा में मां लक्ष्मी के चरणों में 1 लाल तथा 1 सफेद हकीक पत्थर रखें।
दोनों के योग से चंद्र - मंगल लक्ष्मी योग बनता है। पूजा के बाद इन्हें अपने पर्स में रख लें। - पूजन स्थल पर आम पेड़ के पत्तों का बंदनवार लगाएं। बरगद के 5 तथा अशोक वृक्ष के 3 पत्ते भी लाएं। बरगद के पत्तों पर हल्दी मिश्रित दही से स्वास्तिक चिह्न बनाएं तथा अशोक के पत्तों पर श्री लिखें। पूजा में इन पत्तों को रखें। पूजा के बाद इन्हें धन रखने के स्थान पर रख दें।
- दीपावली पर अशोक पेड़ के पत्तों से वंदनद्वार बनाएं और इसे मुख्य दरवाजे पर लगाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी।
- हल्दी से रंगे हुए कपड़े के एक टुकड़े में एक मुट्ठी नाग केसर , एक मुट्ठी गेहूं , हल्दी की एक गांठ , तांबे का एक सिक्का , एक मुट्ठी साबुत नमक और तांबे की छोटी-सी चरण पादुकाएं, एक साबुत हरड़, बांधकर रसोई घर में टांग दें। यह एक चमत्कारी उपाय है। इससे मां लक्ष्मी जी के साथ मां अन्नपूर्णा की भी कृपा प्राप्त होती है तथा पारिवारिक कलह भी दूर होता है।
- दीपावली के दिन अपने मुख्य द्वार पर सरसों का तेल का दीपाक जलायें। फिर उसमें काली गुंजा के दो-चार दाने और कौडी (पीठ ऊपर कि और) डाले दें इससे घर में सुख शान्ति आती है।
- लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें।
- किसी कटोरी में पान के पत्ते के ऊपर नैवेद्ध (प्रसाद) रखें उस पर लौंग का जोड़ा अथवा इलायची रखकर तब वह सामग्री माँ लक्ष्मी को अर्पित करनी चाहिए ।
- रात को सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें।
- दीपावली की रात पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, पीछे पलटकर न देखें।
- यदि संभव हो तो रात के समय किसी श्मशान में दीपक जरूर लगाएं। पैसा प्राप्त करने के लिए यह एक चमत्कारी टोटका है।
- आर्थिक संकट हो, तो दीवाली के दिन एक मिट्टी के बर्तन में शहद भर कर उसे ढँककर किसी सुनसान स्थान में गाड़ दें उसके सारे संकट समाप्त हो जायेंगे।
- दीपावली के दिन नई झाडू खरीद लाएं। पूजा से पहले उससे थोड़ी-सी सफाई करें। इसके झाड़ू को किसी स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रख दें। लक्ष्मी पूजन होने के बाद कुमकुम व चावल से इस झाड़ू की भी पूजन करें। लाल रंग के पचरंगी नाड़े को उस पर पांच बार लपेटकर बांधें।
अगले दिन से उसका प्रयोग करें। द्ररिदता दूर भागेगी और लक्ष्मी का आगमन होगा।
(1, 3 या 5.(विषम संख्या में हो) इस तरह से झाड़ू खरीदना अधिक शुभदायक रहेगा।) - दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें।
किसी हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं। - दीपावली को लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और डमरू बजाना चाहिए।
- दीपावली की रात को पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती न करें। इसके बजाय , श्रीसूक्त , लक्ष्मी सूक्त , पुरुष सूक्त, कनकधारा स्तोत्र आदि का पाठ कर सकते हैं , आरती नहीं।
पूरी रात लक्ष्मी जी का आवाहन करना चाहिए। आरती का अर्थ होता है पूजन समाप्त, जो ठीक नहीं है। - गुग्गल की धुनी देने से लक्ष्मी जी का
आकर्षण होता हैं। गुग्गल को कूट कर उसकी छोटी
छोटी गोलिया बना ले तथा उसे हर एक इस मंत्र के साथ होम करते रहे यह आप १०८ बार कर सकते हैं।
"ॐ श्री ह्रीं ऐं महालक्ष्मी स्वाहा और ॐ यक्षराज कुबेराए स्वाहा।"
यह लक्ष्मी जी का आकर्षण करने के लिए एक उत्तम उपाए हैं - "ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्यै नमः" का जाप करें।
जप रूद्राक्ष, स्फटिक, लाल चंदन या कमल गट्टे की माला से करें। आर्थिक उन्नति होगी । - प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
- दीपावली की रात में लक्ष्मी और कुबेर देव का पूजन करें और यहां दिए एक मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।"ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा।"
- Mahalakshmi Mantra"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।"Om Shreem Hreem Shreem Kamale Kamalalaye Praseed Praseed
Om Shreem Hreem Shreem Mahalakshmaye Namah ||Lakshmi Beej Mantraॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।Om Hreem Shreem Lakshmibhayo Namah ||Lakshmi Gayatri Mantra"ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।"
गोवर्धन पूजा
- गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।
- इस दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा तेल डालें और दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार के बीच में रख दें इससे सुख समृद्धि घर में सदा बनी रहेगी।
पूजन विधि:
- इस दिन प्रात:गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है। अनेक स्थानों पर इसके मनुष्याकार बनाकर पुष्पों, लताओं आदि से सजाया जाता है। शाम को गोवर्धन की पूजा की जाती है। पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, फूल, खील, बताशे आदि का प्रयोग किया जाता है।
- गोवर्धन में ओंगा (अपामार्ग) अनिवार्य रूप से रखा जाता है।
- पूजा के बाद गोवर्धनजी के सात परिक्रमाएं उनकी जय बोलते हुए लगाई जाती हैं। परिक्रमा के समय एक व्यक्ति हाथ में जल का लोटा व अन्य खील (जौ) लेकर चलते हैं। जल के लोटे वाला व्यक्ति पानी की धारा गिराता हुआ तथा अन्य जौ बोते हुए परिक्रमा पूरी करते हैं।
- गोवर्धनजी गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाए जाते हैं। इनकी नाभि के स्थान पर एक कटोरी या मिट्टी का दीपक रख दिया जाता है। फिर इसमें दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे आदि पूजा करते समय डाल दिए जाते हैं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में बांट देते हैं।
- अन्नकूट में चंद्र-दर्शन अशुभ माना जाता है। यदि प्रतिपदा में द्वितीया हो तो अन्नकूट अमावस्या को मनाया जाता है।
- इस दिन प्रात:तेल मलकर स्नान करना चाहिए।
- इस दिन सन्ध्या के समय दैत्यराज बलि का पूजन भी किया जाता है।
- गोवर्धन गिरि भगवान के रूप में माने तेजा हैं और इस दिन उनकी पूजा अपने घर में करने से धन, धान्य, संतान और गोरस की वृद्धि होती है। आज का दिन तीन उत्सवों का संगम होता है।
- भाई दूज के दिन एक मुट्ठी अखंडित बासमती चावल को बहते जल में महालक्ष्मी को याद करते हुए छोड़ें, धन की वृद्धि बनी रहेगी।