दीपावली का अनुष्ठान कार्तिक मास
अमावस्या से 5 दिन पहले शुरू होकर कार्तिक मास पूर्णिमा तक चलता है !
जिसमे लक्ष्मी प्राप्ति, कर्जमुक्ति, विवाह बाधा, संतान बाधा, पित्र दोष,
शत्रु वशीकरण, ग्रह कलेश का उपाय किया जाता है !
कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी से पंच पर्व की शुरुआत माना गया है! इसी दिन माता तुलसी का भगवान् शालिग्राम से विवाह किया जाता है तथा तुलसी के पौधे पर लाल झंडा लगा दिया जाता है ! दीपावली से पांच दिन पहले :- इस दिन माँ लक्ष्मी का वास गाय के पेट में होता है इस दिन गाय को हरा चारा खिलावें ! दीपावली से चार दिन पहले :- इस दिन माँ लक्ष्मी मंदिर (देवालय) में होती हैं, इस दिन मंदिर में दान अवश्य करें ! दीपावली से तीन दिन पहले :- इस दिन माँ लक्ष्मी का वास लकडहारा के घर में होता है उपाय : रात को 12 बजे से पहले मकान या दूकान के दक्षिण ( SE ) कार्नर में लोटे में जल भर कर रखे व् लोटे के ऊपर हल्दी से रंग कर कागज़ रख दें अब कागज़ के ऊपर पीला चावल, साबुत हल्दी, चांदी का सिक्का व् सिन्दूर रखें ! दूसरे दिन सूर्योदय से पहले कागज पर रखा सिक्का चावल, सिन्दूर अपनी तिजोरी में रखें व् थोडा सा जल पूरे परिवार को पीने को दें बाकी जल को पूरे घर में छिड़क दें, शेष जल को पौधे में डाल दें ! दीपावली से 2 दिन पहले :- इस दिन को धन तेरस भी कहते हैं! इस दिन चांदी खरीदना शुभ होगा (सोना कदापि न खरीदें) इस दिन लक्ष्मी जमादार के घर रहती हैं !इस दिन रात्री में कुबेर यन्त्र की स्थापना अपने घर के मंदिर में करें ! - सांयकाल डेढ़ किलो गेहू की ढेरी पर घर के ब्रह्म स्थान पर तिल के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं ! यह दीपक पूरी रात जलने दें, हो सके तो यही दीपक दीपावली की रात्री तक जलने दें ! - उपाय : रात्री 12 बजे के पहले एक बूंदी का लड्डू लेकर उसके अंदर दो कील इस तरह लगावें की X का निशान बन जाए! अब लड्डू को काले कपडे पर घर के दक्षिण दिशा में स्थापित कर उस पर थोडा सा सिन्दूर छिड़क दें व् एक निम्बू भी काट कर रख दें ! दूसरे दिन प्रातः सूर्योदय से पहले पूरी सामग्री को काले कपडे समेत जल प्रवाह कर दें ! - इसी दिन तिजोरी के अंदर थोडा सा साबुत चावल रंग कर एवं पीले कपडे में बांधकर भगवान् नारायण का नाम लेकर तिजोरी के अंदर रख दें ! - दीपावली की रात्री को माँ लक्ष्मी को रोकने के लिए 17 ग्राम की चांदी की कील खरीद कर रख लें ! उपाय : हलजुती मिटटी को दूध में भिगोकर उसमे सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरना चाहिए तथा कुमकुम लगाना चाहिए ! उपाय : घर के बाहर दरवाजे की डेरी पर आटे का दीपक बनाकर तिल डालकर तिलक के तेल से जलाना चाहिए उपाय : व्यापारी अपने नए बहीखाते लाकर रखते हैं जिन्हें दीपावली के दिन पूजा जाता है ! उपाय : नया झाड़ू व् सूपा खरीद कर लाएं ! उपाय : अपनी नई गद्दी बिछाएं! उपाय : इस दिन धनिया खरीदकर दीपावली के बाद गमले में बोते हैं ! उपाय : नील कंठ का दर्शन अवश्य करें ! उपाय : इस दिन वस्तु खरीदने से 13 गुना वृद्धि होती है ! उपाय : इसी दिन यम पूजा होती है ! दीपावली से 1 दिन पहले :- नरक चतुर्दशी - छोटी दीपावली - हनुमान जयंती नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर बेसन के उबटन में तिल का तेल मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करें और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर उससे स्नान करने का बड़ा महात्मय है ! स्नान के पश्चात विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान् का दर्शन करना अत्यंत पुण्यदायक कहा गया है ! इससे पाप कटता है और रूप सौंदर्य की प्राप्ति होती है ! इस दिन माँ लक्ष्मी का वास कुम्हार के घर में होता है ! इसी दिन माँ लक्ष्मी की दो, भगवान् गणेश की दो , नारायण की एक मूर्ती (मिटटी की ), राधा कृष्ण की एक मूर्ती और हनुमान जी की एक मूर्ति दीपावली पूजन के लिए लाकर रख लें ! सांयकाल को 365 बत्ती का दीपक अपने घर के दरवाजे पर सरसों के तेल में भिगोकर जलाएं ! जिसका मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए! नरक चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान से पूर्व परिवार के प्रत्येक सदस्य अपने सर के ऊपर से घिया (लौकी) लेकर सात बार उबार लें और उत्तर दिशा की तरफ फेंक दें ! इसके पश्चात तिल के तेल में बेसन मिलाकर शरीर पर मालिश करें तत्पश्चात नहाने के पानी में अपामार्ग का पौधा, केसर व् गंगाजल मिलाकर स्नान करें ! सांयकाल 16 छोटे-छोटे दीपक व् एक बड़ा(चौमुखा) दीपक घर के अंदर ब्रह्म स्थान पर (डेढ़ किलो गेहू की डेहरी पर ) जलाना चाहिए जबकि घर के मुख्या दरवाजे पर सरसों के तेल से भरा हुआ एक दीपक दक्षिण दिशा की तरफ जलाना चाहिए !
दीपावली के दिन :-
इस दिन माँ लक्ष्मी गृहस्थ के घर में प्रवेश करती
हैं, इस दिन माँ लक्ष्मी को अपने घर में रोकने के सभी उपाय करना चाहिए !
परिवार के प्रत्येक सदस्य को प्रसन्न रहने चाहिए तथा सर्वप्रथम परिवार के
मुखिया को बिस्तर से उठ कर सौच क्रिया से निवृत होकर किसी जरूरतमंद इंसान को नौ किलो गेहू का दान करना चाहिए! तत्पश्चात स्नान से निवृत्त होकर घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ अनामिका ऊँगली द्वारा हल्दी अथवा सिन्दूर से नौ इंच लम्बा एवं नौ इंच चौड़ा स्वस्तिक बनाना चाहिए (स्वस्तिक को आप कागज़ पर भी बनाकर चिपका सकते हैं) बरगद के तीन पत्ते लाकर साफ़ स्थान पर लक्ष्मी पूजन के लिए रख लें ! लक्ष्मी पूजन के लिए दो चांदी की डिबिया तथा एक चांदी का पत्रा जिस पर श्री लिखा हो, नागकेशर, शुद्ध शहद, श्री सूक्त की किताब, दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख, लक्ष्मी दायक कौड़ी, शियार सिंघी, बिल्ली का जेर, कामिया सिन्दूर, साबुत चावल पहले से लाकर रख लें ! सांयकाल को स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी का पूजन करें ! लक्ष्मी पूजन के समय दो लक्ष्मी की मूर्ती, दो गणेश की मूर्ती एक भगवान् नारायण की मूर्ती, एक हनुमान जी की मूर्ती तथा राधा कृष्ण की मूर्ती अवश्य रखें ! पूजन के समय प्रत्येक दीपक में एक-एक लक्ष्मी दायक कौड़ी, लौंग, व् थोडा पुराना गुड दाल दें ! पूजन के स्थान पर गणेश लक्ष्मी की मूर्ती आमने-सामने रखें जिससे माता लक्ष्मी और गणेश भगवान् एक दूसरे को देखते रहे ! यानि की माँ लक्ष्मी के बाएँ तरफ भगवान् गणेश को विराजमान करें तथा माँ लक्ष्मी के दाहिने तरफ भगवान् नारायण को विराजमान करें ! शेष मूर्तियाँ आजू-बाजू में विराजमान करें ! कलश से भरा जल माँ लक्ष्मी के दाहिने हाथ की तरफ रखें जबकि घंटी व् दीपक माता लक्ष्मी के बाएँ हाथ की तरफ रखें ! पूजन का स्थान घर के अग्नि कोड में ही रखें ! दीपक भी इसी स्थान पर जलाएं ! माँ लक्ष्मी के पूजन के समय डेढ़ किलो गेहू की डेहरी पर घर के मध्य स्थान यानी की ब्रह्म स्थान पर दीपावली की पूरी रात तिल के तेल से भरा चौमुखा दीपक जलाएं ! दीपावली की रात्रि को घर के सभी दरवाजे व् खिड़कियाँ खुले रखें ! साथ ही दीपावली के दिन घर के प्रत्येक दरवाजों से माता लक्ष्मी के घर के अंदर आते हुए पैरों के निशान बनाएं जिसमे से कुछ आपकी तिजोरी की तरफ जा रहे हो, साथ ही पूजन स्थान की तरफ भी जा रहे हों ! दीपावली की पूरी रात्रि परिवार के प्रत्येक सदस्य माँ लक्ष्मी के भजन को गाते रहे तथा लक्ष्मी सहस्त्रनाम व् श्रीसूक्त का जप करते रहे , घर के सभी दरवाजे खुले रखें व् लाइट जला कर रखें, हवन इत्यादि भी करें किन्तु ध्यान रखें दीपावली की रात्री को माँ लक्ष्मी की आरती कदापि ना करें ! लक्ष्मी पूजन के समय बेरोजगार युवक-युवती चने दी दाल लेकर, अपने हाथों से माँ लक्ष्मी की मूर्ती पर डालें, तथा रोज़गार मिलने की प्रार्थना करते हुए खुद के डाले हुए चने की दाल को अपने हाथों से उठा कर बाहर कहीं साफ़ स्थान पर रख दें इससे रोज़गार मिलने की सम्भावना बढ़ जाएगी ! लक्ष्मी पूजन के पश्चात माँ लक्ष्मी की एक मूर्ती को लाल कपडे में लपेट कर तिजोरी के अंदर ऐसी जगह रख दें जहां की माता लक्ष्मी को बाहर की हवा पूरे वर्ष न लगे साथ ही माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें की हे माँ भगवान् श्री नारायण के साथ मेरे ही घर में जब तक सूरज-चाँद रहे आप निवास करें ! इसके पश्चात सत्रह ग्राम वाली चांदी की कील को घर के अंदर मैं दरवाजे के ऊपर ढोंक दें और प्रार्थना करें "हे माता लक्ष्मी अब मेरे घर से तुम बाहर नहीं जा सकोगी" साथ ही शनि देव से प्रार्थना करें "हे शनि देव अब मेरे घर में माँ लक्ष्मी निवास कर रही हैं आप मेरे घर के तरफ कभी भी बुरी दृष्टि से न देखें तथा मेरे परिवार का कल्याण करें" इसके पश्चात भगवान् गणेश की एक मूर्ती को भी घर के मेन दरवाजे के ऊपर अंदर की ओर टांग दें और प्रार्थना करें की हे भगवान् गणेश हमारे घर से समस्त विघ्न-बाधाओं का नाश करो और सुख-समृधि प्रदान करो ! दीपावली पूजन के समय एक चांदी की डिबिया में हरश्रृगार का फूल भर कर रखें तथा एक चांदी की डिबिया में नाग केसर व् शहद भर कर रखें तथा एक चांदी के पत्रे पर श्री लिख कर उसपर नाग केसर चिपका दें, इन सभी को लक्ष्मी पूजन के पश्चात अपने घर की तिजोरी में रखें ! दीपावली पूजन के समय बरगद (बड़) के तीन पत्ते लाकर उसपर स्वस्तिक बना लें ! लक्ष्मी पूजन के पश्चात तीनो पत्तों का पूजन करें ! इसमें से एक पत्ते को घर की तिजोरी में रख दें दूसरे पत्ते को अनाज में रख दें, तथा तीसरे पत्ते को घर के मंदिर में स्थान दें ! माँ लक्ष्मी का पूजन गीले बालों या खुले हुए बालों से नहीं करना चाहिए ! माँ लक्ष्मी के पूजन के समय घर के अंदर दक्षिणा वर्ती शंख, मोती शंख एकंशी नारियल, सांप का केचुल, गोंमती चक्र, लक्ष्मी दायक कौड़ी, बिल्ली के जेर, शियार सिंघी, कामिया सिन्दूर, का भी विधिवत माँ लक्ष्मी के मन्त्रों से पूजन करें तथा पूजन के पश्चात सभी वस्तुएं ! अपने घर की तिजोरी में लाल कपडे में लपेट कर रख दें ! लक्ष्मी का पूजन करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए ! दीपावली की रात्री को यदि आपके घर में बिल्ली का आगमन हो तो उसे भूल कर भी ना भगाएं तथा यथासंभव सेवा करें ! इसके अलावा दीपावली की रात्री को छिपकली का दर्शन करना अति शुभ होता है ! दीपावली के दूसरे दिन (कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा) 1 . प्रातःकाल स्नान के पश्चात परिवार के प्रत्येक सदस्य के हिसाब से सवा किलो (प्रति व्यक्ति) अनाज ले कर रख लें व् दूसरे दिन किसी जरूरत मंद को दान करें ! 2 . माँ अन्नपूर्ण की पूजा करें व् सवा पाव मक्खन से माँ को स्नान कराएँ! दीपावली से तीसरे दिन,(कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीय) 1 . माँ लक्ष्मी को हिना इतर, दही, गन्ने के रस व् सरसों के तेल से स्नान कराएँ व् पूजन करें ! 2 . भाई दूज का पवित्र त्यौहार इसी दिन मानते हैं ! दीपावली से चौथे दिन (कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया):- इस दिन माँ लक्ष्मी धन में रहती हैं ! उपाय : कलश के ऊपर 8 स्वास्तिक बनाकर उसमे जल भरकर उत्तर दिशा में रखें ! कलश के ऊपर कागज में हल्दी से रंग कर चांदी का सिक्का रखें, प्रातः कागज़ समेत सिक्के को तिजोरी में रखें व् जल को पूरे घर में छिड़क दें बाकी जल को पौधों में जल दें ! दीपावली से पांचवे दिन , कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी :- इस दिन माँ लक्ष्मी वस्त्र में रहती हैं ! उपाय : रात को 7 बजे के बाद एक साबुत सुपारी लेकर अपने सर के दो बाल जड़ से उखाड़ कर सुपारी लपेट दें फिर सिन्दूर लगा कर उसे कलावे के सहारे मेन दरवाजे पर लटका दें ! दीपावली से छठा दिन, कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी :- इस दिन माँ लक्ष्मी पातळ में रहती हैं ! इस दिन विशेष रूप से शादी में बाधा, क्रोध, मान्लिक दोष, बेरोज़गारी व् पति-पत्नी में कलेश का उपाय किया जाता हैं ! उपाय : दस से बारह साबुत हल्दी की गाँठ लें व् अपने पास ही रखें दूसरे दिन प्रातः अपने सर से 7 बार उबार कर जल प्रवाह कर दें ! दीपावली से सातवें दिन, कार्तिक शुक्ल पक्ष सप्तमी :- इस दिन माँ लक्ष्मी वायु में रहती हैं ! उपाय : 1 . हवन करें ! 2 .जो साधक दीपावली की रात्री में लक्ष्मी को रोकने के लिए चांदी की कील का प्रयोग ना कर सके हो वह रात्री 10.30 से 12.30 के बीच 17 ग्राम की चांदी की कील घर के मेन दरवाजे के ऊपर अंदर की तरफ ढोंक दें ( इस दिन शनि पृथ्वी के पीछे रहता है, कील लगाने से शनि की दृष्टि हमारे ऊपर नहीं पड़ेगी) 3 . एक मुठ्ठी काला तिल काले कपडे में लपेट कर घर के ब्रह्म स्थान पर रात्री 7 बजे के बाद रख दें व् प्रातः कपड़े समेत काले तिल को जल प्रवाह कर दें ! दीपावली से आठवे दिन :- इस दिन गोपस्टमी का त्यौहार मनाया जाता है ! इस दिन से पूर्णमासी तक प्रतिदिन पूजा की जाती है तथा मन्नत मांगने का यह उचित समय है ! उपाय: १. बच्चे समेत गाय को नहलाएं टीका करें व् आटे की दो लोई में गुड़ डालकर खिलाएं (हाथ घर पर ही आकर धुलें), जलेबी खिलाएं व् वस्त्र अर्पित करें ! २. शाम को गाय की चरण वंदना करें व् चार कदम गाय से आगे अवश्य चलें व् चरण स्पर्श करें ! |
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Sunday, October 23, 2016
सम्पूर्ण दीपावली पूजन विधि
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