- पीपल और बरगद के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है।
- भोजन से पहले तेल लगी दो रोटी गाय को खिलाएं।
- श्री मद भागवत गीता का ग्यारहवां अध्याय का पाठ करें।
- जब भी किसी तीर्थ पर जाएं तो अपने पितरों के लिए तीन बार अंजलि में जल से उनका तर्पण अवश्य ही करें ।
- घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने दिवंगत पूर्वजों के फोटो लगाकर उन पर हार चढ़ाकर सम्मानित करना चाहिए तथा उनकी मृत्यु तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र एवं दक्षिणा सहित दान, पितृ तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करने चाहिए।
- सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण पूजा करने से भी पितृ दोष में लाभ मिलाता है।
- सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है ।
- सोमवती अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ पर मीठा जल मिष्ठान एवं जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुए कम से कम सात या 108 परिक्रमा करे तत्पश्चात् अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है।
- प्रत्येक अमावस्या को बबूल के पेड़ पर संध्या के समय भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।
- प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी खिलाने चाहिए।
- प्रतिदिन देवता और पितरों की पूजा स्थान पर जल से भरा कलश रखकर सुबह तुलसी या हरे पेड़ों में चढ़ाएं।
- प्रतिदिन शिव लिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए । माँ काली की नियमित उपासना से भी पितृ दोष में लाभ मिलता है। अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसकी जिन्दगी से दूर रहता है।
- प्रतिदिन शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र या नवग्रह स्तोत्र या दुर्गा सप्तशती या सुन्दर काण्ड का पाठ करें ! इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।
- हर शनिवार और श्राद्धपक्ष को कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाये गये लड्डू दीजिये।
- हर शनिवार और श्राद्धपक्ष को पीपल की जड़ में दोपहर में जल, दूध, गंगाजल, पुष्प, चावल, जौ, काले तिल, चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
- श्राद्धपक्ष या वार्षिक श्राद्ध में ब्राह्मणों के लिए तैयार भोजन में पितरों की पसंद का पकवान जरुर बनाएं।
- पितृ पक्ष में पीपल की परिक्रमा अवश्य करें | अगर १०८ परिक्रमा लगाई जाएँ ,तो पितृ दोष अवश्य दूर होगा |
- व्यक्ति को अपने घर के वायव्य कोण (N -W ) में नित्य
- सरसों का तेल में बराबर मात्रा में अगर का तेल मिलाकर दीपक पूरे पितृ पक्ष में नित्य लगाना चाहिए, दिया पीतल का हो तो ज्यादा अच्छा है ,
- वर्ष की प्रत्येक अमावस्या को दोपहर के समय गूगल की धूनी पूरे घर में सब जगह घुमाएं ,शाम को आंध्र होने के बाद पितरों के निमित्त शुद्ध भोजन बनाकर एक दोने में सारी सामग्री रख कर किसी बबूल के वृक्ष अथवा पीपल या बड़ कि जद में रख कर आ जाएँ,पीछे मुड़कर न देखें.
- नित्य प्रति घर में देसी कपूर जाया करें|
पित्र दोष निवारण मन्त्र ( Pitra Dosh Nivaran Mantra ) :
- मन्त्र 1 – ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।
- मन्त्र २ – ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।
Monday, July 4, 2016
पित्र दोष निवारण - सरल उपाय
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Pitra Dosh Nivaran Puja at Trimbakeshwar is done to rectify the Pitru Dosha in one's horoscope.
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